Rajesh rajesh

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लेखनी प्रतियोगिता -01-Feb-2023 अनमोल जीवन

राजा उदय सिंह का सफेद रंग से नफरत करने का कारण यह था कि राजा उदय सिंह जब बालक था तो वह एक दिन अपने घोड़े की सवारी जंगल की तरफ कर रहा था। तो उस समय कुछ लोग एक मृत व्यक्ति को सफेद कपड़े में लपेटकर श्मशान घाट ले जा रहे थे। राजा उदय सिंह ने बचपन में सिर्फ  रंग बिरंगी चीजें ही अपने महल में देखी थी। उस दिन राजा उदय सिंह ने सफेद रंग का कपड़ा बचपन में पहली बार देखा वह भी किसी मृत व्यक्ति के शरीर के ऊपर।


 इस घटना के बाद उस दिन से राजा उदय सिंह को सफेद रंग से नफरत हो गई थी। राजा उदय सिंह को जब कभी अपने राज्य में कोई व्यक्ति सफेद रंग के कपड़े पहनने दिखता था, तो राजा अपने चतुर बुद्धिमान महामंत्री सूर्यभान को आदेश देकर उस व्यक्ति को सैनिकों से जब तक कोड़े लगवाता था जब तक कि वह व्यक्ति बेहोश ना हो जाए।

राजा उदय सिंह की प्रजा अपने घर में सफेद रंग की वस्तु रखने से भी डरती थी। राजा उदय सिंह की जुबान पर दिन रात सुबह शाम सिर्फ सफेद रंग से नफरत की बातें ही रहती थी। सफेद रंग से नफरत की वजह से राजा उदय सिंह अपने राजपाट पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता था। 

राजा उदय सिंह के अंदर एक और अवगुण बहुत बड़ा था वह अपने जीवन का मूल्य नहीं समझता था।

 एक दिन राजा उदय सिंह और महामंत्री सूर्यभान अपने अपने घोड़े पर बैठकर किसी गांव से गुजरते हैं। उस समय गांव के लोग अपनी अपनी गाय भैसों का दूध दोहन कर रहे थे। उस समय राजा उदय सिंह की नजर बर्तन में रखें सफेद रंग के दूध पर पड़ती है। और दूध का सफेद रंग देखकर राजा उदय सिंह को बहुत क्रोध आ जाता है। और उसी समय राजा उदय सिंह महामंत्री सूर्यभान को आदेश देता है की राज्य के सारे दूध देने वाले पशुओं को राज्य की सीमा से बाहर निकाल दो।

एक दिन महामंत्री सूर्यभान दर्पण के सामने खड़ा होकर अपने शीश के मुकुट संभाल रहा था। तभी महामंत्री सूर्यभान की नजर अपनी आंखों पर पड़ती है। अपनी आंखों का सफेद रंग देखकर महामंत्री सूर्यभान अपने मन में सोचता है कि अगर कभी हमारे राजा उदय सिंह की सफेद आंखों पर नजर पड़ गई तो उस दिन वह प्रजा की आंखें निकलवा देंगे।

मंत्री सूर्यभान इस बात से बहुत चिंतित हो जाता है। और उसी समय महामंत्री सूर्यभान अपने राजा उदय सिंह के मन से सफेद रंग के लिए नफरत निकालने की एक योजना बनाता है।

महामंत्री सूर्यभान पड़ोसी राज्य के राजा के पास जाता है। और अपने राजा उदय सिंह के मन में सफेद रंग के लिए जो नफरत है, वह सारी बात पड़ोसी राजा को बताता है। और पड़ोसी राजा से कहता है कि "आपको हमारे राज्य से नकली दिखावे का युद्ध करना होगा।"और अपने राज्य के सेनापति को अपनी योजना सुनाता है और राज्य के सेनापति से कहता है की "युद्ध के मैदान में सारे सैनिकों को युद्ध छोड़कर भागने का आदेश आपको देना होगा।"

और पड़ोसी राज्य नकली दिखावे का उदय सिंह के राज्य पर आक्रमण कर देता है। और महामंत्री सूर्यभान की योजना के अनुसार राजा उदय सिंह की सेना युद्ध के मैदान को छोड़ कर भाग जाती है।

 युद्ध के मैदान से सारी सेना मैदान छोड़कर भाग जाती है। तब राजा उदय सिंह को अपना जीवन खतरे में नजर आता है, तो उस दिन उसे अनमोल जीवन का मूल्य समझ आता है।

 राजा हार मानकर अपने बुद्धिमान चतुर महामंत्री सूर्यभान से पूछता है? "अब कोइ बचने का रास्ता है।"महामंत्री सूर्यभान चारों तरफ देखकर राजा उदय सिंह से कहता है "हां महाराज जीवन बचाने का एक रास्ता है मेरे पास।"और उसी समय महामंत्री सूर्यभान भागकर एक छोटी झील के पास जाता है। और वहां से एक सफेद रंग का बगुला लाकर राजा उदय सिंह के सर पर खड़ा कर देता है। सफेद रंग के बगुले को देखकर दूसरे राज्य की सेना युद्ध के मैदान से पीछे हट जाती है।

 राजा उदय सिंह अपने महामंत्री सूर्यभान से पूछता है "सफेद रंग के बगुले को देखकर पड़ोसी राज्य की सेना पीछे क्यों हट गई।"महामंत्री सूर्यभान राजा उदय सिंह से कहता है की "महाराज सफेद रंग पवित्रता शुद्धता विद्या और शांति का प्रतीक है। इससे मानसिक बौद्धिक और नैतिक स्वच्छता प्रगट होती है। इसलिए सफेद रंग के बगुले को देखकर पड़ोसी राज्य की सेना पीछे हट गई। वे समझ गए कि आप शांति चाहते हो।"
 उस दिन के बाद  राजा उदय की नजरों में सफेद रंग का मान सम्मान बढ़ जाता है।

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10 Comments

Very nice

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अदिति झा

03-Feb-2023 01:11 PM

Nice 👍🏼

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